उत्तर प्रदेश के कवि और कविताएं
यूं तो हिंदी साहित्य में कविता लिखने वाले अनगिनत सितारे रहे हैं जिनकी कलम ने हर दौर में हिंदी को एक से बढ़कर एक बेहतरीन रचनाएं दीं। कविता हिंदी साहित्य की वो विधा है जो खूबसूरत से खूबसूरत विचार को कम शब्दों में कहना जानती है। आज हम इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश के महान कवियों और कविताओं (Poets and poems) के बारे में बताने जा रहे है , जिनकी कविताओं को साहित्य संसार सदियों तक याद रखेगा।
1- अमीर खुसरो :-
इनका जन्म 1253 कासगंज उत्तर प्रदेश में हुआ था | खड़ी बोली के अविष्कार का श्रेय इनको जाता है | अमीर खुसरो ने आठ सुल्तानों का शासन काल देखा है | कव्वाली और सितार इन्ही की देन है | खलिकबारी, हालत – ए – कन्हैया, नजराना – ए – हिंदी इन्ही की देन है |
2- कबीरदास :-
इनका जन्म 1398 ई. में काशी में हुआ था | हिन्दू और इस्लाम धर्म के आलोचक और भक्तिकालीन युग के ज्ञानाश्रयी – निर्गुण शाखा के कवि थे | यह सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी भाषा (अवधी, ब्रज भाषा, खड़ी बोली, राजस्थानी, पंजाबी, हरयाणवी ) का प्रयोग करते थे | इनकी प्रमुख रचनाये : बीजक (साखी, शबद, रमैनी )
3- सूरदास :-
इनका जन्म रुनकता गांव (मथुरा – आगरा के बीच ) में हुआ था | भक्ति काल के “सगुण भक्ति – शाखा” कृष्ण भक्ति उप – शाखा के महान कवि थे | इनके पिता का नाम रामदास और गुरु का नाम वल्लभाचार्य था |
रचनाये : सूर – सागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी, नल दमयंती |
4- निजामुद्दीन औलिया :-
निजामुद्दीन औलिया का जन्म 1238 बदायूं उत्तर प्रदेश में हुआ था | इन्हे बहुत सी उपाधिया प्राप्त थी |
औलिया को मिली उपाधियां : महबूब-ए-इलाही, सुल्तान-उल-मसहायक, दस्तगीर-ए-दोजहां, जग उजियारे, कुतुब-ए-देहली
5- तुलसीदास :-
तुलसीदास का जन्म 1511 में राजपुर (चित्रकूट ) में हुआ था | इनके पिता आत्माराम दुबे और गुरु नरहरिदास थे |
श्री रामचरित मानस इनके द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ काव्य है |
रचनाये :- रामलला, हनुमानबाहुक, श्रीकृष्ण गीतावली, कवितावली, दोहावली, जानकी – मंगल, पार्वती – मंगल आदि
6- अटल बिहारी वाजपेयी :-
इनका जन्म 1924 में ग्वालियर में हुआ था |
हिंदी कवि पत्रकार प्रखर वक्ता थे | इनकी रचनाये : मेरी इक्यावन कविताये, रग – रग हिन्दू, मेरा परिचय, अमर बलिदान, अमर आग
7- मलिक मोहम्मद जायसी :-
इनका जन्म 1477 में रायबरेली उत्तर प्रदेश में हुआ था | यह भक्ति काल के निर्गुण धारा के कवि थे, इनके गुरु शेख बुरहान व सैयद अशरफ थे | इनकी
रचनाये : पद्मावत, बारहमासा, अखरावट, आखरी कलाम आदि
कुछ प्रमुख कृतियाँ :
पद्मावत, अखरावट, सखरावत, चंपावत, इतरावत, मटकावत, चित्रावत, सुर्वानामा, मोराईनामा, मुकहरानामा, मुखरानामा, पोस्तीनामा, होलीनामा, आखिरी कलाम, धनावत, सोरठ, जपजी, मैनावत, मेखरावटनामा, कहारनामा, स्फुट कवितायें, लहतावत, सकरानामा, मसला या मसलानामा
8- जय शंकर प्रसाद :-
इनका जन्म 1890 में वाराणसी उत्तर प्रदेश में हुआ था | छायावादी युग के महान कवि, नाटककार, उपन्यासकार और कहानीकार थे |
रचनाये :
प्रेम-पथिक, करुणालय (काव्य नाटक), महाराणा का महत्त्व, चित्राधार, कानन कुसुम संस्करण, झरना, आँसू , लहर, कामायनी
उपन्यास-
कंकाल, तितली, इरावती
नाटक-एकांकी-
उर्वशी (चम्पू), सज्जन, प्रायश्चित्त, कल्याणी परिणय, राज्यश्री, विशाख, अजातशत्रु, जनमेजय का नाग-यज्ञ, कामना, स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य, एक घूँट, चन्द्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, अग्निमित्र (अपूर्ण)
कहानी-संग्रह-
छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इन्द्रजाल
9- हजारी प्रसाद द्विवेदी :-
इनका जन्म 1907 में हुआ था | आधुनिक काल के लेखक और निबंधकार थे |
रचनाये :- सूर साहित्य, हिन्दी साहित्य की भूमिका, प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद, कबीर, नाथ संप्रदाय, हिन्दी साहित्य का आदिकाल, आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार, साहित्य का मर्म, मेघदूत: एक पुरानी कहानी, लालित्य तत्त्व, साहित्य सहचर, कालिदास की लालित्य योजना, मध्यकालीन बोध का स्वरूप, हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास, मृत्युंजय रवीन्द्र, सहज साधना
निबंध संग्रह
अशोक के फूल, कल्पलता, विचार और वितर्क, विचार-प्रवाह, कुटज, विश के दन्त, कल्पतरु, गतिशील चिंतन, साहित्य सहचर
उपन्यास
बाणभट्ट की आत्मकथा, चारु चंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा
10- आचार्य रामचंद्र शुक्ल :-
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म सन् 1884 ईस्वी में बस्ती जिले के अगोना नामक गांव में हुआ था।
आधुनिक काल के लेखक , आलोचक कवि थे |
रचनाये :- चिंतामणि, शशांक, आदर्श जीवन, मित्रता, अध्यन, सूर आदि
11- मिर्ज़ा ग़ालिब :-
इनका जन्म 1796 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था | उर्दू और फ़ारसी भाषा के महान शायर थे | मुग़ल काल के आखिरी बादशाह बहादुरशाह जफ़र के दरबारी थे |
12- भारतेन्दु हरिश्चंद्र :-
इनका जन्म 9 सितम्बर 1850 में बनारसी में हुआ था | हिंदी साहित्य के पितामह ,आधुनिक युग की शुरुआत इन्ही के समय से मानी जाती है |
मौलिक नाटक :-
वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, सत्य हरिश्चन्द्र, श्री चंद्रावली, विषस्य विषमौषधम्, भारत दुर्दशा, नीलदेवी, अंधेर नगरी, प्रेमजोगिनी, सती प्रताप
काव्यकृतिया :-
भक्तसर्वस्व, प्रेममालिका, प्रेम माधुरी, प्रेम-तरंग, उत्तरार्द्ध भक्तमाल, प्रेम-प्रलाप, होली, मधु मुकुल, राग-संग्रह, वर्षा-विनोद, विनय प्रेम पचासा, फूलों का गुच्छा, प्रेम फुलवारी, कृष्णचरित्र, दानलीला, तन्मय लीला, नये ज़माने की मुकरी, सुमनांजलि, बन्दर सभा, बकरी विलाप