उत्तर प्रदेश का इतिहास
मुगल काल के दौरान, इसका क्षेत्र राज्यपालों के अधीन विभाजित था। इतिहास (history) कहता है कि उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया, जब भारत के गवर्नर-जनरल ने संयुक्त प्रांत (नाम परिवर्तन) आदेश 1950 पारित किया, जिसमें संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के इतिहास को हम कुल पाँच वर्गों में बाँट कर अध्यन करते है
1- प्रागैतिहासिक एवं पूर्व वैदिक काल ( 600 ईसा पूर्व )
2- हिन्दू – बौद्ध काल (600 ईसा पूर्व से 1200 ईसा तक )
3- मध्य काल (1200 ईसा से 1857 ईसा तक़ )
4- ब्रिटिश काल (1857 ईसा से 1946 ईसा तक )
5 – स्वतंत्रता काल ( 1946 ईसा से अब तक )
उत्तर प्रदेश भारत के इतिहास व राजनीति में अहम योगदान रखता है
1- प्रागैतिहासिक एवं पूर्व वैदिक काल ( 600 ईसा पूर्व )
- उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है जो आर्यावर्त का मुख्य भाग था |
- रामायण में विदित कौशल नगरी उत्तर प्रदेश में थी जो हिन्दू के भगवान श्री राम की नगरी थी तथा जिसकी राजधानी अयोध्या थी जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश में है |
- हिन्दू के भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा भी उत्तर प्रदेश में है |
- विश्व के प्राचीनतम नगरों में एक वाराणसी भी उत्तर प्रदेश का मुख्य जिला है |
- गुप्त साम्राज्य के इतिहास का मुख्य केंद्र कन्नौज नगर रहा जो लगभग 7 वीं शताब्दी में राजनीती का मुख्य केंद्र रहा |
2- हिन्दू – बौद्ध काल (600 ईसा पूर्व से 1200 ईसा तक )
- 16 महाजनपदों में 7 महाजनपद उत्तर प्रदेश की सीमा के अंतर्गत आते थे |
- बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश के सारनाथ में दिया था |
- भगवान बुद्ध का परिनिर्वाण उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ही हुआ |
- इस काल में ही गुप्त साम्राज्य में राजनीती का केंद्र उत्तर प्रदेश के आसपास रहा |
3- मध्य काल (1200 ईसा से 1857 ईसा तक़ )
- मुहम्मद गौरी ने गढ़वाल वंश के राजाओं को हराकर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम काल की नींव को बल प्रदान किया |
- मुग़ल काल के शासक अकबर ने आगरा के पास फतेहपुर सीकरी नगर की स्थापना की |
- शाहजहाँ ने आगरा में ताजमहल का निर्माण कराया जो उत्तर प्रदेश पर्यटक का प्रमुख आकर्षक है |
- मध्य काल में शासको द्वारा कई इमारतों का निर्माण करवाया गया |
4- ब्रिटिश काल (1857 ईसा से 1946 ईसा तक )
- ब्रिटिश काल में पहले शुरुआत में उत्तर प्रदेश को बंगाल प्रेसिडेंसी के अंतर्गत रखा गया किन्तु बाद में 1833 ईसवी में अलग कर के पश्चिमोत्तर प्रान्त कहलाया जिसको आरम्भ में आगरा प्रेसिडेंसी के नाम से जाना जाता था |
- 1856 ई. में अवध पर अधिकार करके अंग्रेज सरकार ने अवध और आगरा संयुक्त प्रान्त के नाम से 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया जिसको 1902 ई. से संयुक्त प्रान्त का नाम घोसित कर दिया |
- ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहले स्वतंत्रता आन्दोलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुई |
- 10 मई 1857 ई. में सैनिक मंगल पांडे ने मेरठ की छावनी में आंदोलन की शुरुआत की |
- बाद में इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश से लखनऊ , कानपुर , झाँसी और बरेली से अत्यधिक सहयोग प्राप्त हुआ |
- उत्तर प्रदेश से स्वतंत्रता आन्दोलन में महान राष्ट्रवादी नेताओ का सहयोग मिला जिसमे प्रमुख नाम मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, परुषोत्तम दास टंडन एवं जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेताओ का सहयोग प्राप्त हुआ |
- असहयोग आंदोलन के समय हुआ चौरी – चौरा काण्ड उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में निकट सम्पन्न हुई घटना थी |
- सन् 1920 में नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस का नाम यूनाइटेड प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध कर दिया गया जिसे सामान्य बोलचाल में यूपी कहा गया |
- 1920 में इसकी राजधानी बदल क्र इलाहाबाद से लखनऊ कर दी गयी |
- 1935 तक लखनऊ आंशिक रूप से राजधानी बनी रही और बाद में लखनऊ को पूर्ण रूप से राजधानी बनाया गया |
5 – स्वतंत्रता काल ( 1946 ईसा से अब तक )
- 1947 में स्वतंत्रता के बाद संयुक्त प्रान्त भारतीय गणराज्य की प्रशासनिक इकाई बना |
- दो साल के अंतर्गत इसकी सीमा में स्थित टिहरी गड़वाल और रामपुर के स्वतंत्र प्रान्त को संयुक्त प्रान्त में शामिल किया गया |
-संविधान के लागू होने के साथ ही संयुक्त प्रान्त का नाम बदलकर 12 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश क्र दिया गया | - 2000 में पूर्वोत्तर यूपी के पहाड़ी क्षेत्र गढ़वाल और कुमायु मंडल को मिला कर नए राज्य उत्तरांचल का गठन किया गया जिसका बाद में नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया |