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Upsarg aur Pratyay prefix and sufix In Hindi

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Upsarg-Pratyay

उपसर्ग एवं प्रत्यय पहचाने की ट्रिक हिंदी व्याकरण :

परीक्षाओं में व्याकरण बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है और आज हम उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg aur Pratyay) पर नोट्स प्रस्तुत कर रहे है जो तैयारी में आपकी बहुत मदद करेगा और आप उपसर्ग और प्रत्यय से सम्बंधित विभिन्न प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे।



हिंदी भाषा में शब्दों की रचना कई प्रकार से की जाती है | इन्ही में से एक विधि है – शब्दों के आरम्भ या अंत में कुछ शब्दांश जोड़कर नए शब्द बनाना | इस तरह से प्राप्त शब्द के अर्थ में नवीनता देखी जा सकती है ,

जैसे – ‘हार ‘ शब्द में ‘आ’ जोड़ने पर हमे आहार
‘हार ‘ शब्द में ‘प्र’ जोड़ने पर हमे प्रहार
‘हार ‘ शब्द में ‘वि’ जोड़ने पर हमे विहार शब्द प्राप्त होते है , जो अपने मूल शब्द हार के अर्थ से पूरी तरह अलग अर्थ रखते है ;

जैसे – हार का अर्थ – पराजय, फूलो की माला
अ + हार = आहार ( भोजन )
प्र + हार = प्रहार ( चोट )
वि + हार = विहार ( भृमण करना )

उपसर्ग

वे शब्दांश, जो किसी शब्द के शुरू (आरंभ) में जोड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते है, उन्हें उपसर्ग कहते है; जैसे उपसर्ग मूल शब्द है



उपसर्गमूल शब्दप्रत्यय युक्त शब्द
पराजय (जीत)पराजय (हार)
सम्मोहन (एक नाम)सम्मोहन (मोहित कर लेने की कला)
गमन (जाना )आगमन (आना )
अपमान (इज्जत)अपमान (बेइज्जती )
कुपात्र (लायक)कुपात्र (नालायक )

हिंदी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्ग प्रचलित है –

  1. संस्कृत के उपसर्ग
  2. हिंदी के उपसर्ग
  3. विदेशी उपसर्ग

संस्कृत के उपसर्ग

संस्कृत के उपसर्गो को तत्सम उपसर्ग भी कहा जाता है | ये उपसर्ग प्राय: उन शब्दों के साथ जुड़ते है, जो संस्कृत भाषा से हिंदी में आये है;

जैसे –

अति + आचार = अत्याचार

दुर + लभ = दुर्लभ



संस्कृत उपसर्गों से बने कुछ और शब्द :

उपसर्गअर्थनए शब्द
अभाव, नहींअज्ञान, अपवित्र, अधर्म, अनीति
अंतर भीतर अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्जातीय, अंतर्मन
अति बहुतअतिशय, अतिरिक्त, अतयंत, अत्यधिक
अध: नीचेअधोमुख, अधोगति, अधोगामी, अधोपतन
अधि श्रेष्ठ, ऊपरअधिकार, अधिगम, अधिकृत, अधिपति

हिंदी के उपसर्ग

हिंदी के उपसर्गों का तद्भव उपसर्ग भी कहा जाता है | इनका प्रयोग प्राय: हिंदी शब्दों के साथ किया जाता है |

जैसे :-
अध + जला = अधजला
कु + चाल = कुचाल
बिना + मांगे = बिनमाँगे

हिंदी के उपसर्गों से बने कुछ और शब्द

उपसर्गअर्थनए शब्द
अन अभावअनपढ़, अनबन, अनजान, अनहोनी, अनकही
अध आधाअधखिला, अधजला, अधमरा, अधकपारी
उन काम उनसध, उनतीस
कु बुरा कुपात्र, कुढंग, कुमार्ग, कुसंग
चौ चार चौमासा, चौकोर, चौकन्ना

विदेशी उपसर्ग –

इन्हे आगत उपसर्ग भी कहा जाता है | विदेशी उपसर्गो में अरबी – फ़ारसी और अंग्रेजी उपसर्गो का प्रयोग विदेशी भाषा के शब्दों के साथ किया जाता है | इस प्रकार के शब्द भी हिंदी में प्रयोग किये जाते है |

जैसे :-
ना + समझ = नासमझ
हम + सफर = हमसफर
हर + दम = हरदम

विदेशी उपसर्ग

उपसर्गअर्थनए शब्द
कम थोड़ा कमजोर, कमअक्ल, कम्बख्त
गैर बिना गैरहाजिर, गैरजिम्मेदार, ग़ैरक़ानूनी
दर में दरअसल, दरख्वास्त
ना कमी नादान, नासमझ, नाकामी, नालायक
बा सहित बाकायदा, बाइज्जत, बामशक्कत


प्रत्यय :

वे शब्दांश, जो शब्दों के अंत में जुड़कर शब्द के अर्थ में विशेषता या बदलाव ला देते है, उन्हें प्रत्यय कहते है |

जैसे :-
पर्वत (पहाड़) + ईय = पर्वतीय (पर्वत संबंधी)
कीमत (मूल्य) + ती = कीमत (मूलयवान)

प्रत्ययप्रत्यय युक्त शब्द
अक्कड़ भुलक्कड़, घुमक्कड़, बुझक्कड़
अंत रटंत, गढंत
आई चटाई, लिखाई, पढ़ाई
आक तैराक, चालक
आन कटान, चालान, उड़ान
आवट रूकावट, गिरावट, बनावट
आवा बुलावा, दिखावा, पहनावा
हंसी, घुड़की, भभकी
औती मनौती, फिरौती, बपौती, कटौती
वाईकटवाई, सुनवाई, बुलवाई, लिखवाई
अन गमन, नमन, जलन, लेखन
अनीय पूजनीय, पढनीय, गमनीय
उक भावुक, इच्छुक, भिछुक
डे, पेय, गेय, अजय
अना कामना, आराधना, साधना



उपसर्ग और प्रत्यय टेस्ट पेपर :

प्रश्न :

निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय व मूल शब्द को अलग – अलग करो –
चुनौती
भारतीय
ढलाऊ
कठिनाई
चिंतक
बुढ़िया
देवरानी
पियक्कड़
मार्मिक
उत्तर :

शब्दमूलशब्द प्रत्यय
चुनौतीचुन औती
भारतीयभारत ईय
ढलाऊ ढल आऊ
कठिनाईकठिन आई
चिंतकचिंता अक
बुढ़िया बूढ़ा इया
देवरानीदेवर आनी
पियक्कड़पी अक्कड़
मार्मिकमर्म इक

प्रश्न : निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग व मूल शब्द को अलग – अलग करो –
समायोजन
दुर्दशा
चिरायु
निस्संदेह
बाइज्जत
सुगम
दुष्प्राप्य
अत्यंत
संभ्रांत
अवगुण
संपूर्ण
निर्भय
उत्तर :

शब्द उपसर्गमूलशब्द
समायोजनसम् आयोजन
दुर्दशादुर दशा
चिरायुचिर् आयु
निस्संदेहनि: / निस्संदेह
बाइज्जतबा इज्जत
सुगमसु गम
दुष्प्राप्यदुष प्राप्य
अत्यंतअति यंत
संभ्रांतसम् भ्रांत
संपूर्णसम् पूर्ण
निर्भयनिर्भय


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