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Hindi

रस (Sentiments)

रस (Sentiments)

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रस का शाब्दिक अर्थ है आनंद , काव्य को पढ़ने या सुनाने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते है |
रस को काव्य की आत्मा / प्राण माना जाता है

हिंदी में रसो की संख्या 9 है , जिसे नवरस कहा जाता है | बाद में आचार्यो ने 2 और भावो को स्थाई भाव की मान्यता दे दी इस प्रकार स्थाई भावो की संख्या 11 तक पहुंच गयी तदनुसार रसो की संख्या भी 11 तक पहुंच गयी |

रस के अवयव या अंग

रस के चार अवयव या अंग है

  1. स्थायी भाव
  2. विभाव
  3. अनुभाव
  4. संचारी या व्यभिचारी भाव

रस और उनके स्थायी भाव को याद करने की ट्रिक :

रस (Sentiments)

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Alankar

Alankar Kise Kahte Hain Aur Uske Bhed

अलंकार (Alankar) दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम् अर्थात् भूषण + कार
जो भूषित करे वह अलंकार है
यहाँ पर अलम् का अर्थ होता है ‘ आभूषण

भारतीय हिंदी साहित्य में प्रमुख अलंकार हैं

  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्लेष
  4. अतिशयोक्ति
  5. रूपक
  6. उपमा
  7. उत्प्रेक्षा
  8. भ्रान्तिमान

अलंकार की पहचान करने के लिए सिर्फ ये 8 पंक्तियों को यार रखना है।

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Sandhi

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संधि किसे कहते हैं दो समीपवर्ती वर्णों के मिलने से जो परिवर्तन (विकार) उत्पन्न होता है उसे संधि कहते है | संधि में पहले शब्द… Read More »Sandhi